Tuesday, March 29, 2011

काश सारी दीवारें गिर जाती


वर्ल्ड कप २०११ के क्वार्टर फाइनल  में इंडिया ने जब से ऑस्ट्रेलिया को हराया हैं भारत और पाकिस्तान के प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने भारत और पाकिस्तान के बिच होने वाले सेमी फाइनल  को एक घमासान युध्ह में तब्दील कर दिया है, हर जगह आंकड़ों के माध्यम से टीम और खिलाडियों का आकलन हो रहा है, कही भारत जीत रहा है तो कही पाकिस्तान। गौरतलब है की ऑस्ट्रेलिया के हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान रिक्की पोंटिंग ने भी कप्तानी से सन्यास ले लिया है, जिसकी टीम लगातार तीन बार वर्ल्ड कप जीत चुकी है तो क्या रिक्की पोंटिंग के लिए यह इतना बड़ा मुद्दा था की वोह अपनी कप्तानी छोड़ दे।दोनों किस्सों पर नजर डाले तो एक बात साफ़ हो जाती है की सारा खेल जीत- हार का है, घमंड का है और अहंकार  का है। ऑस्ट्रेलिया हार गयी  तो यह रिक्की पोंटिंग की हार  थी  जिसने कप्तानी से सन्यास  ले लिया, हिंदुस्तान और पाकिस्तान में से कोई  नहीं  हारना  चाहता  क्योंकि  यह उनके  देशवासियों  के अहंकार  और घमंड की बात है। इन  सारी  घटनाओं  को देखने  के बाद पूरे   दुनिया  के सभी  बड़ी  टीमों  में खेल भावना  की कमी  नज़र  आती  है। भारतीय  खिलाडी  अनिल  कुंबले  पुरे  करियर  के दौरान यह सिखाते  रह  गए  की खेल को खेल भावना की नजर से देखना  चाहिए  लेकिन  भारतवासियों  के  लिए  यह  हमेशा  अनसुनी  बात  बनी  रही.   सुना  है  की  मोहाली  में  होने  वाले  हिंदुस्तान और  पाकिस्तान  के  मैच  को  देखने  के  लिए  टिकेट  की  जोरदार  दलाली  हुई  है  काफी  महंगे  दामों में  टिकेट  बीके हैं  इतना  ही  नहीं  इस  मैच  को देखने  के  लिए  पाकिस्तान  से  और  हिंदुस्तान  के  काफी  बड़े  ओहदे  के  नेतागण  इकठे  हो  रहे  हैं  . इस  गर्मागर्मी  और युद्ध  जैसे  माहौल  के  निर्माण  के  लिए  कौन  जिम्मेदार  हैं  क्या  हमारी  छोटी  मानसिकता  जो  मीडिया  के  उस   इशारे   को  कभी  नहीं  समझ  पाती  जो  फालतू  मुद्दों  को ज्यादा  तुल देती  है  और  असली  मुद्दे  से  हमेशा  भटकी  हुई  नज़र  आती  है . क्या  मीडिया  को  इस  मुद्दे पर  आकलन  नहीं  करना  चाहिए  था  की  भारत   ने  ऑस्ट्रेलिया  की  पिछले  पंद्रह  साल  से  चली  आ  रही  बद्श्हाहत  को  खत्म  किया  है , क्या  यह  दुनिया  भर  में  क्रिकेट  खेलने  वाली  सारी  टीमों के लिए  एक  उपलब्धि  नहीं  थी  की  वर्ल्ड  क्रिकेट  में पिछले  बारह   साल  से  राज  करनेवाली  ऑस्ट्त्रलिया टीम  को पराजय  का  मुह  देखना  पड़ा  है . एक  नयी  खबर  सुनाने  को मिली  है  की  हिंदुस्तान  और  पाकिस्तान  के  बहुत सारे  हिस्सों  में  मैच  के  दौरान  छूटी  रहेगी , पाकिस्तान  से  हिंदुस्तान और  हिंदुस्तान  में  अपने  ही देश  के  एक हिस्से  से दुसरे  हिस्से  में  जाने  के  लिए  ३  गुना किराया  चुकाना  पड़ रहा  है  और  मैच  के  दिन  मोहाली  में  खासी  आबादी  इकठा होनेवाली  है  इसे  देखते  हुए  मोहाली  स्टेडियम   को  लगभग  एक छावनी  में  तब्दील  कर  दिया  गया  है . समझ  में  नहीं  आता  है  की  इस  तरह   के  आयोजन  से  हम दोनों  देश  एकदूसरे  के  नजदीक  आ  रहे  है  या  दूर  जा   रहे  है . हमारे  नेताओं  को  आधे  दिन के  बाद  छूटी  चाहिए  ताकि  वोह  इत्मिनान  से  घर  बैठकर  मैच  देख  सकें  इससे  हमारे  आम  जनता  के  बिच  में  किस  तरह  का  सन्देश  जायेगा पाकिस्तान  के  साथ  दुश्मनी  ख़त्म  करने  का  या  फिर  उसे  और  तुल  देने  का , खैर  जो भी  हो  अगर  आपके  अन्दर  आकलन  करने  की  सही  छमता  और  दुनिया को देखने  का  एक  अलग  नजरिया  हो  तो  इस  मैच  को  सिर्फ  खेलभावना से  ही  देखिएगा , क्योंकि  अगर  हिंदुस्तान  मां  है  तो  पाकिस्तान  मौसी  है. मां जीते  या  मौसी  दोनों  की  जीत  में  हमारी  जीत  है .